न्यायालय के बारे में
'आजमगढ़' शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों 'आजम' और 'गढ़' से हुई है। 'आज़म' शब्द शहर के संस्थापक राजा आज़म खान के नाम को दर्शाता है और 'गढ़' शब्द का अर्थ एक किला या महल है। उनके एक वंशज विक्रमजीत ने इस्लाम धर्म अपना लिया और उनके आजम खान और अज़मत खान नाम के दो बेटे हुए। आज़म खान ने अपने नाम पर आज़मगढ़ की नींव रखी। आज़मगढ़ तमसा (टोंस) नदी के तट पर स्थित है।
आज़मगढ़ की स्थापना 1665 में मुगल काल के दौरान हुई थी। 18 दिसंबर, 1832 को यह एक जिला बना और सर थॉमसन को नवनिर्मित जिला "आजमगढ़" का पहला कलेक्टर नियुक्त किया गया। अंग्रेजों के दो प्रमुख शिविर थे ; जिसमें पहला दीवानी कोर्ट और दूसरा वेस्ली स्कूल था। 1832 में सिधारी के बाबू के पैतृक घर और अस्तबल की जगह पर जनपद न्यायालय का निर्माण हुआ। प्रारम्भ में जनपद न्यायालय वाराणसी के जिला न्यायाधीश के नियंत्रण और देखरेख में न्यायिक कार्य निष्पादित किया जा रहा था। 1856-57 में आज़मगढ़ में एक जनपद न्यायाधीश नियुक्त किये गये। 15 नवम्बर 1994 को जनपद आज़मगढ़ कमिश्नरी बना। इसमें आज़मगढ़, मऊ और बलिया जनपद शामिल हैं।
जनपद आज़मगढ़ में 8 तहसीलें जो सदर, बूढ़नपुर,[...]
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